इक्कीसवीं शताब्दी में प्रबंधन | Management in twenty first century
संगठन और उसका प्रबंधन बदल रहा है , चुकी संस्कृतियों और राष्ट्रों के बीच सीमायें धुंधली हो रही हैं और नई संचार तकनीक दुनिया को वैश्विक गाँव के रूप में सोचना संभव बना रही , अन्तराष्ट्रीय और अंतर - सांस्कृतिक सम्बन्धों का दायरा तेजी से बढ़ रहा है | आधुनिक सन्गठन एक वैश्विक संगठन है जिसे वैश्विक परिप्रेक्ष्य में प्रबंधित किया जाना है | इसका तात्पर्य क्या है ?
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| इक्कीसवीं शताब्दी में प्रबंधन | Management in twenty first century |
एक वैश्विक प्रबन्धन के लिए इन संका क्या अर्थ है ? सारांश में कह सकते है कि वैश्विक प्रबंधन वः है जिसके पास हार्ड एवं साफ्ट दोनों प्रकार के कौशल हैं | जो प्रबंधन विश्लेष्ण करना , व्यूह रचना करना , इंजीनियरिंग एवं प्रौधोगिकी का ज्ञान रखते है , उनकी आज भी आवश्यकता है लेकिन विश्व्यापी सफलता के लिए व्यक्तियों की टीम कैसे कार्य करती है , संगठन कैसे कार्य करत हैं एवं लोगों को किस प्रकार से अभिप्रेरित कर सकते हैं , इस सबकी समझ का होना बहुत आवश्यक है |
उदाहरण के लिए , जो प्रबन्धक विभिन्न संस्कृतियों में पैठ रखता है , वः पश्चिमी यूरोप , गैर अंग्रेजी भाषी देश में कार्य कर सकता है , फिर उसे मलेशिया या केन्या जैसे विकासशील देशों में भेजा जा सकता है और इसके बाद उसे न्यूयोर्क , अमेरिका के कार्यालय में भी स्थानांतरित किया जा सकता है | वी इन तीनों स्थानों पर तुरंत प्रभावी ढंग से कार्य कर सकेगा |
अब आप यह समझ गये होंगे कि वैश्विक प्रबंध की भूमिका का विकास उसी प्रकार से हुआ है जिस प्रकार से वैश्विक उद्योग एवं अर्थव्यवस्था का विकास हुआ है | या एक परिभाषित व्यवसाय के सन्दर्भ में एक आयामी भूमिका से अहुआयामी भूमिका में परिवर्तित हो गया है जिसके लिए तकनिकी कौशल , साफ्ट प्रबंध एवं कौशल और विभिन्न संस्कृतियों को ग्रहण करना एवं सीखने के सम्मिश्रण की आवश्यता होती है |
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